एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें?

|| एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें? | अंतर्जातीय विवाह करने वाले नव जोड़ों को कितना रुपए मिलता है? | कोर्ट मैरिज करने में कितना खर्च आता है? | भारत में किस अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज होती है? | कोर्ट में शादी करने वाले किस नवविवाहित जोड़े को पैसे मिलते हैं? ||

भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदाय (Different religions, castes and communities) के लोग रहते हैं। इन सभी के अपने-अपने अलग-अलग रीति रिवाज है, इन रीति रिवाजों के अनुसार हर धर्म मे शादियां (Marriages) संपन्न होती है।

हर धर्म, जाति और समुदाय के लोग (People of every religion, caste and community) अपने घर के लड़का और लड़की का विवाह अपनी ही जाति, धर्म और समुदाय (Caste, religion and community) में करना चाहते हैं। जिसकी वजह से कई बार लड़का लड़की अपने घरवालों के खिलाफ (Against the household) भाग कर कोर्ट मैरिज कर लेते हैं।

भारतीय संविधान के अनुसार यदि लड़का-लड़की दोनों बालिग (Adult) है तो वह अपनी मर्जी से किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के लोगो से विवाह (Marriage) कर सकते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे कपल है जिसके मन मे यह प्रश्न (Questions) आता है, क्या कोर्ट मैरिज एक दिन में हो सकती है? (Can a Court Marriage be Done in One Day?)

अगर आप भी इस सवाल का जवाब खोज रहे है तो बिल्कुल सकती जगह आये है हम आपको लोगों के लिए कोर्ट मैरिज कितने दिन में पक्का होता है? (How many days is a court marriage confirmed?) के बारे में पूरी जानकारी देंगे। 

कोर्ट मैरिज क्या है? (What is a court marriage?)

अधिकतर लोग अपने धर्मो या समुदायों (Religions or communities) के रीति-रिवाजों के अनुसार ही शादी करते है। जिंसमे उन्हें शरीरिक और मानसिक प्रताड़ना (Physical and mental abuse) झेलनी पड़ती है यही कारण है कि अब ज्यादातर लोग पारंपरिक शादियों (Traditional weddings) की बजह न्यायिक विवाह (Traditional weddings) करना ज्यादा पसन्द कर रहे है.

एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें शर्ते, नियम

क्योंकि कोर्ट मैरिज में किसी भी तरह की धार्मिक प्रथाओं या पारंपरिक समारोह (Religious practices or traditional ceremonies) के बिना अदालत में शादी होती है। भारत मे जितने भी न्यालय है उनमें बिशेष विवाह अधिनियम (Spatial Marriage Act) के तहत कोर्ट मैरिज होती है।

कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, संप्रदाय (Religion, sect) या संप्रदाय के पुरुष और वयस्क महिला के बीच हो सकती है। इतना ही नही इस अधिनियम के तहत एक विदेशी और एक भारतीय (Exotic and an Indian) के बीच भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। 

कोर्ट मैरिज करने के नियम क्या है? (What are the Rules of Court Marriage?)

भारत सरकार (Government of India) के द्वारा वैसे तो सभी को कोर्ट मैरिज (Court marriage) करने की अनुमति प्रदान की गई है साथ ही कुछ नियम (Rules) भी बनाये गए है, जिनकी पूर्ति करने वाले लोगो को ही न्यायिक विवाह (Judicial marriage) करने का हक है. कोर्ट मैरिज करने के नियम निम्नलिखित प्रकार से नीचे बातये गए है-

  • शादी करने वाले कपल (Couple) में से दोनों में से किसी का भी पहले से विवाह (Marriage) नही होना चाहिए।
  • अगर शादी करने वाले लड़का या लड़की (Boy or girl) में से कोई एक पहले से विवाहित है तो उसके जीवन साथी की मृत्यु के प्रमाण के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र (Death certificate) होना आवश्यक है।
  • न्यायिक विवाह करने के लिए दोनों पक्षों (Both sides) का सहमत होना बेहद जरूरी है। 
  • जो लड़का-लड़की कोर्ट मैरिज (Court marriage) करने जा रहे है उनका मानसिक रूप से स्वस्थ (Mentally healthy) होना जरूरी है।
  • कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़के की आयु 21 वर्ष और लड़की की आयु (Age) कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। तथा दोनों का शारीरिक रूप से संतानोत्पत्ति (Progeny) के योग्य होना चाहिए।
  • अगर विवाह करने वाले कपल (Couple) का आपस में खून जानि भाई-बहिन जैसा कोई रिस्ता नहीं होना चाहिए। यह नियम केवल हिन्दू धर्मो (Hindu religions) के लिए मान्य है।

कोर्ट मैरिज के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन से है? (What is the Documents Required for Court Marriage)

अगर आप परंपरागत रीति-रिवाजों (Traditional customs) के अनुसार शादी करने के स्थान पर कोर्ट में शादी करना चाहते हैं तो लड़का-लड़की दोनों के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों (Important documents) का होना बेहद आवश्यक है जिनके लिस्ट नीचे दी गई है

  • लड़का और लड़की दोनों के चार पासपोर्ट साइज फोटो (Passport size photo) 
  • पत्ते और पहचान के लिए आधार कार्ड या निवास प्रमाण पत्र (Aadhaar card or residence certificate) 
  • आयु के प्रमाण के लिए जन्म प्रमाण पत्र अथवा 10वीं की मार्कशीट (Birth certificate or 10th mark sheet)
  • हलकनामा जिससे यह प्रमाणित होता हो कि लड़का लड़की किसी अवैध संबंध से जुड़े हुए नहीं है।
  • पूर्व विवाह की स्थिति में पति या पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र या तलाक के कागजात (Death certificate or divorce papers) 

एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें? (How to make a court marriage in one day)

जैसा कि हम आपको बता चुके है कि कोर्ट मैरिज हर न्ययालय में विशेष विवाह अधिनियम और हिन्दू विवाह अधिनियम (Special Marriage Act and Hindu Marriage Act) के तहत होते है। अगर कोई कपल कोर्ट मैरिज (Court marriage) करना चाहता है तो पहले उससे कोर्ट मैरिज के लिए विवाह अधिकारी को एप्लीकेशन और सभी जरूरी दस्तावेज (Application and all necessary documents) देने होते हैं। 

इसके बाद शादी करने वाले लड़का-लड़की के घर रजिस्ट्रार ऑफिस (Registrar office) के द्वारा नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद कपल करने वाले शादी की न्यूज़ लोकल न्यूजपेपर (Local newspaper) में निकली जाती है। जिसमें कम से कम 30 से 60 दिनों का समय लगता है। इसलिए कोर्ट मैरिज (Court marriage) एक दिन में नही की जा सकती है.

लेकिन अगर आप हिन्दू समुदाय (Hindu community) से सम्बंध रखते है तो एक दिन में कोर्ट मैरिज करना चाहते है तो आप पहले मंदिर में जाकर शादी (Wedding) कर ले और वहाँ से प्रमाण पत्र प्राप्त करके रजिस्ट्रार ऑफिस के समक्ष मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage certificate) बनवाने के लिए आवेदन कर सकते है। 24 घंटे के अंदर आपको मैरिज सर्टिफिकेट बनाकर प्रदान कर दिया जाएगा जिससे यह सिद्ध होगा कि आपकी शादी पूरी तरह से कानूनी मान्य है। 

क्या कोर्ट में शादी करने के लिए पैसे मिलते हैं?

बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके मन में यह सवाल है कि क्या कोर्ट मैरिज करने पर पैसे मिलते हैं? (Do you get money for court marriage?) तो यह धारणा बिल्कुल सत्य है लेकिन कोर्ट में शादी करने पर तभी पैसे मिलते हैं.

जब कोई व्यक्ति किसी दूसरी जाति या दलित वर्ग (depressed class) के व्यक्ति से शादी करता है तो उस नवविवाहित जोड़े (Newly married couple) को अंबेडकर की अंतर्जातीय विवाह के तहत भारत सरकार (Government of India) के द्वारा 2.5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

यदि कोई ऐसा नवविवाहित जोड़ा है जिसमें कोई एक पक्ष दलित और दूसरा बाहर का है तो वह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act 1955) के तहत पंजीकृत और हलकनाम दे कर सहायता राशि प्राप्त कर सकता है।

कोर्ट मैरिज के लिए गवाह की पड़ती है आवश्यकता

हमारे देश में जाति प्रथा (Caste system) पहले से ही चली आ रही है जिसकी वजह से ज्यादातर बालिग लड़का-लड़की (Adult boy-girl) घरवालों की मर्जी के खिलाफ भागकर कोर्ट मैरिज (Court marriage) करते हैं। जो भी कपल कोर्ट में शादी करने के लिए कोर्ट मैरिज रजिस्टर (Marriage register) करना चाहते हैं उन्हें दो या तीन गवाहों की आवश्यकता होगी. 

इसके अलावा उन गवाहों के निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड (Residence certificate, PAN card and Aadhaar card) की भी जरूरत पड़ेगी। आप गवाह के तौर पर अपने किसी करीबी दोस्त, रिश्तेदार (Close friends, relatives) किसी को भी कोर्ट मैरिज में गवाह (Witness) के रूप शामिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए गवाहों का बालिग होना जरूरी होता है।

कोर्ट मैरिज फीस और खर्चा (Court Marriage Fees & expense)

पूरे भारत में आप आसानी से किसी भी न्यायालय (court) में जाकर कोर्ट मैरिज कर सकते हैं अलग-अलग जगहों पर कोर्ट मैरिज की अलग-अलग फीस (Different fees) होती है। कोर्ट मैरिज करने के दौरान औपचारिकताएं, कागजी कार्रवाई और वकील आदि (Formalities, paperwork and lawyers etc) की फीस मिलाकर कुल ₹5000 से ₹10000 का खर्च आता है।

यही कारण है कि आज के समय में लोग बैंड-बाजे बाली शादियों (Weddings) के स्थान पर कोर्ट मैरिज करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं क्योंकि कोर्ट मैरिज में परंपरागत तरीके (Traditional methods) से होने वाले विवाह की तुलना में काफी कम खर्च होता है।

Court Marriage Related questions and His Answers

कोर्ट मैरिज कैसे होती है?

कोर्ट मैरिज में दूल्हा-दुल्हन और गवाहों को मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत होना होता है और फिर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने होते हैं। जिसमें लिखा होता है कि यह विवाह बिना किसी मजबूरी के अपनी मर्जी से किया जा रहा है।

कोर्ट में शादी करने वाले किस नवविवाहित जोड़े को पैसे मिलते हैं?

कोर्ट में शादी करने वाले उन विवाहित जोड़ों को पैसे मिलते हैं जिनमें से एक पक्ष दलित वर्ग का तथा दूसरा पक्ष बाहर दूसरी जाति का होता है।

अंतर्जातीय विवाह करने वाले नव जोड़ों को कितना रुपए मिलता है?

भारत देश के अलग-अलग राज्यों में अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को एक लाख से लेकर ढाई लाख रुपए तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

भारत में किस अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज होती है?

भारत देश में विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत कोर्ट मैरिज संपन्न कराई जाती है।

कोर्ट मैरिज करने में कितना खर्च आता है?

किसी न्यायालय में कोर्ट मैरिज करने पर आपको ₹5000 से ₹10000 तक खर्च करने पड़ सकते हैं. जिसमें कागजी कार्रवाई और वकील की फीस आदि सम्मिलित है।

निष्कर्ष

आज हमने आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें? (How to get a court marriage in one day?) के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से साझा की है साथ ही हमने आपको यह भी बताया है कि कोर्ट मैरिज करने पर कितना रुपए मिलता है? (How much rupees do you get when making a court marriage) आशा करते हैं कि आप सभी के लिए हमारी वेबसाइट के इस लेख में दी गई सभी जानकारी पसंद आई होगी अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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