कोर्ट मैरिज करने के लाभ और हानि

Court Marriage In Hindi: भारत सरकार के द्वारा विशेष विवाह अधिनियम 1954, हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और मुस्लिम विवाह अधिनियम (Special Marriage Act 1954, Hindu Marriage Act 1955 and Muslim Marriage Act) के अंतर्गत सभी नागरिको को अपने जीवनसाथी (spouse) को खुद चुनने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।

विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के अंतर्गत किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के बालिग नागरिक (Adult citizen) आपस मे विवाह कर सकते है। इस अधिनियम को भारत सरकार (Government of India) द्वारा जाति प्रथा को पूर्ण रूप से खत्म (Complete finish) करने के लिए बनाया गया था।

जिसके माध्यम से कोई भी कपल (Couple) कोर्ट में जाकर विवाह के लिए पंजीकरण (Registration) कर सकता है। लेकिन हमारे बीच बहुत से ऐसे लोग हैं जो कोर्ट मैरिज करने के लाभ और हानि (Benefits and harms of doing Court marriage) के बारे में नहीं जानते हैं।

अगर आप शोर-शा वाली शादियों (Shor-Sha weddings) के स्थान पर शांतिपूर्ण कोर्ट मैरिज (Peaceful court marriage) करना चाहते हैं तो आपको कोर्ट मैरिज करने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of having a court marriage) के बारे में पूरी जानकारी होना बेहद आवश्यक है।

जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख (Artical) के माध्यम से पूरी जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए अंत तक हमारे इस पोस्ट को जरुर पढ़ें।

कोर्ट मैरिज क्या होती है?

कोर्ट मैरिज के नुकसान और फायदे (Disadvantages and advantages of court marriage) के बारे में जानने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि कोर्ट मैरिज क्या होती है? (What is a court marriage?) कोर्ट मैरिज के अंतर्गत किसी परंपरा और रीति रिवाज (Traditions and Customs) के बिना विवाह अधिकारी (Marriage officer) के द्वारा विवाह संपन्न कराया जाता है।

पूरे भारत में विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के अंतर्गत कोर्ट मैरिज कराई जाती है। इसके अनुसार कोई भी नागरिक जो बालिग और मानसिक रूप से स्वस्थ (Adult and mentally healthy) है। वह किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय (Religion, caste or sect), यहां तक कि भारतीय विदेश के नागरिकों (Indian foreign nationals) से भी विवाह कर सकते हैं।

लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों अपने जिले के विवाह अधिकारी (Marriage officer) के समक्ष अपनी अर्जी जारी कर सकते हैं। एक ही दिन में संपन्न हो जाती है और कुछ जगहों पर कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरे होने में कम से कम 30 दिनों का समय लगता है अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मैरिज प्रोसीजर (Different marriage procedures) होता है।

ये भी जाने – कोर्ट मैरिज शादी करने पर कितना पैसा मिलता है?

कोर्ट मैरिज करने के लाभ और हानि

आज के समय में लोग अपना समय और पैसा बचने के लिए साधारण तरीके से विवाह करना पसंद करते है अगर आप सिंपल और बिना शोर शराबे के शादी करना चाहते है तो कोर्ट मैरिज आपके लिए बेस्ट ऑप्शन रहेगा। लेकिन कोर्ट मैरिज करने के कई फायदे और नुकसान है. जिनके बारे में आपको भी जाना चाहिए-

कोर्ट मैरिज करने के लाभ

अगर आप शोर-शराबे वाली शादी (Wedding) के स्थान पर कोर्ट मैरिज (Court marriage) करते हैं तो इसके निम्नलिखित लाभ (Benefits) आपको प्राप्त होंगे जैसे-

  • कोर्ट के माध्यम से किया जाने वाला विवाह (Marriage) पूरी तरह से लीगल होने के साथ कानूनी तौर पर मान्य (Legally valid) होता है.
  • अगर आप कोर्ट मैरिज (Court marriage) करते हैं तो आपको स्पाउस बीजा (Spouse visa) बनवाने के लिए अलग से मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage certificate) नहीं बनवाना होगा क्योंकि कोर्ट मैरिज में विवाह रजिस्टर्ड (Marriage registered) होने के बाद आपको मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
  • इसके माध्यम से कोई भी कपल (Couple) फिर चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या फिर समुदाय (Religion, caste or community) का हो अपनी इच्छा और पसंद से विवाह कर सकते हैं।
  • आपको परंपरागत शादी की तरह कोर्ट मैरिज में अधिक खर्चा नहीं करना होगा इसमें केवल आपको स्टाम्प ड्यूटी और वकील की फीस (Stamp duty and attorney fees) का भुगतान करना होगा।
  • कोर्ट मैरिज में आपको किसी भी तरह के रीति-रिवाजों के झमेले (Ruffle) में नहीं पड़ना होगा और ना ही किसी भी तरह का दिखावा करना होगा।
  • कोर्ट मैरिज बहुत ही सरल तरीके से होती है जिसमें आपको किसी भी धर्म के अनुसार परंपराओं (Traditions) के नाम पर शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना (Physical, mental torture) से नहीं गुजरना होगा।
  • इसमें लड़का और लड़की दोनों पक्षों में किसी भी तरह का भेदभाव (Discrimination) नहीं किया जाता बल्कि दोनों को बराबर समझा जाता है।

कोर्ट मैरिज करने के नुकसान

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू (Two sides) होते हैं उसी प्रकार कोर्ट मैरिज (Court marriage) करने के बहुत सारे लाभ (Benefits) है ठीक उसी प्रकार कई नुकसान (Disadvantages) भी हैं चलिए कोर्ट मैरिज करने के नुकसान (Disadvantages of having a court marriage) के बारे में जानते हैं-

  • कोर्ट मैरिज के दौरान सिर्फ दो गवाह (Two witnesses) या शादी करने वाले जोड़े के कुछ करीबी लोग (Close people) शामिल होते हैं जिसकी वजह से उन्हें अपने संबंध (Relationship) को सामाजिक स्तर पर पहचान (Identity) मिलने में अधिक समय लगता है।
  • इस तरह की शादी बिना किसी परंपरागत तरीके (Traditional methods) से पूर्ण की जाती है जिसकी वजह से इसमें सभ्यता और संस्कारों (Civilization and rites) का अभाव रहता है और धर्म की मान्यताएं लगभग समाप्त हो जाती हैं।
  • सामाजिक शादियों में लोग अपने करीबी रिश्तेदारों (Close relatives) को दावत बांटकर उनका अतिथि सत्कार (Hospitality) करते हैं लेकिन कोर्ट मैरिज में ऐसा कुछ नहीं होता जिसकी वजह से रिश्तो में खटास आ जाती है।
  • कोर्ट मैरिज कोई भी व्यक्ति किसी भी समुदाय धर्म अथवा जाति के बीच हो सकती है जिसकी वजह से कोर्ट मैरिज (Court marriage) करने वाले कपल्स को काफी मुश्किलों (odds) का सामना करना पड़ता है।

कोर्ट मैरिज करने के लाभ और हानि FAQ

कोर्ट मैरिज करने का सबसे बड़ा फायदा क्या है? 

कोर्ट मैरिज करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको सामाजिक शादियों की तरह अपना समय और पैसा बर्बाद नहीं करना होगा और ना ही किसी भी तरह की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी होगी।

कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या करें? 

यदि आप सामाजिक विवाह के स्थान पर कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने जिले के विवाह अधिकारी के पास जाकर कोर्ट मैरिज के लिए पंजीकरण करना होगा।

कोर्ट मैरिज किस अधिनियम के आधार पर की जाती है? 

पूरे भारत देश में विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत कोर्ट मैरिज संपन्न कराई जाती है। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी धर्म जाति या फिर संप्रदाय के लड़का-लड़की आपस में विवाह कर सकते हैं।

स्पाउस बीजा के लिए किस की आवश्यकता पड़ती है?

स्पाउस वीजा प्राप्त करने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है अगर आप कोर्ट मैरिज करते हैं तो विवाह रजिस्ट्रेशन के बाद आपको नरेश सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

कोर्ट मैरिज कौन कर सकता है?

किसी भी धर्म जाति या संप्रदाय का लड़का जिसकी आयु 21 वर्ष तथा लड़की जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और वह अपने फैसले लेने में सक्षम है, कोर्ट मैरिज कर सकते हैं। 

निष्कर्ष

अब आप जान चुके होंगे कि कोर्ट मैरिज करने के लाभ और हानि क्या है? (What are the benefits and harms of having a court marriage?) हमें उम्मीद है कि आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से कोर्ट मैरिज करने के लाभ और नुकसान (Benefits and disadvantages of having a court marriage) के बारे में बताएं गई सभी जानकारी काफी पसंद आई होगी। यदि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इसे अधिक से अधिक शेयर करने के साथ-साथ कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारा यह लेख कैसा लगा?

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