आमतौर पर लड़का और लड़की के पारिवारिक सहमति न होने के कारण वह न्यायालय में जाकर कोर्ट मैरिज कर लेते हैं, जिसके अंतर्गत न्यायालय एक महिला को अपने पसंदीदा पुरुष के साथ जीवन यापन करने की अनुमति प्रदान की जाती है। ज्यादातर मामलों में प्रेमी जोड़े विवाह के लिए उनके घर से अनुमति न मिलने के बाद यानी कि अपने घरवालों के खिलाफ जाकर एक दूसरे के साथ अपना जीवन गुजारने के लिए कोर्ट मैरिज का सहारा लेते है। कोर्ट मैरिज के अंतर्गत प्रेमी जोड़े को न्यायालय के द्वारा उनके प्रेम रिश्ते को शादी में बदलने का अधिकार तो दिया ही जाता है।
साथ ही साथ दंपति को कई प्रकार के लीगल राइट्स भी दिए जाते है और कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट उनके भविष्य को भी सुरक्षित करता है लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि कोर्ट मैरिज करने वाले जोड़ों के बीच कुछ ही समय में लड़ाई झगड़ा बढ़ने लगते हैं और यह परेशानी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि उन्हें अदालत में तलाक लेने की नौबत आ जाती है। कोर्ट मैरिज करने बाद तलाक लेने वाले कपल के लिए न्यायालय के द्वारा अलग नियम बनाए गए है।
यदि आप भी कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित क्या नियम है? के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस ब्लॉक पोस्ट में बताई गई जानकारी को पढ़ने आए हैं तो वास्तव में यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित क्या नियम है? के संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे इसलिए आप अंतिम तक इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए तो आइए कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित नियमों के बारे में जानते है-
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कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित क्या नियम है?
जब प्रेमी जोड़ों को उनके घर से विवाह की अनुमति नहीं मिलती है तो वह न्यायालय में जाकर कोर्ट मैरिज कर लेते हैं लेकिन कोर्ट मैरिज करने के बाद पति या पत्नी में से कोई भी व्यक्ति अपने पार्टनर से तलाक लेना चाहता है तो उसे न्यायालय में तलाक लेने के लिए याचिका दायर करनी पड़ती है।
जिस प्रकार कोर्ट मैरिज करने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है इसी प्रकार तलाक लेने की प्रक्रिया भी आसान नहीं होती है क्योंकि कोर्ट मैरिज के बाद तलाक लेने के लिए विवाहित जोड़े को न्यायालय के द्वारा बनाए गए कई नियमों को पूरा करना पड़ता है। अगर आप भी कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो इनका विवरण निम्नलिखित प्रकार से नीचे बताया गया है-
- न्यायालय के अनुसार कोर्ट मैरिज करने के पश्चात विवाहित दंपति में से कोई भी 1 वर्ष से पहले तलाक लेने के लिए याचिका दायर नहीं कर सकता है।
- यदि पति-पत्नी में से कोई भी कोर्ट मैरिज करने के तुरंत बाद तलाक लेने के लिए याचिका दायर करता है तो ऐसी स्थिति में कोर्ट अपने विवेक के आधार पर निर्णय करेगी।
- यदि न्यायालय को लगता है कि भविष्य में उनके एक साथ रहने से कोई गलत घटना घटने की संभावना है तो ऐसी स्थिति में एक वर्ष पूरे होने के पश्चात दोनों को तलाक लेने की अनुमति दे दी जाती है।
- लेकिन इससे पहले न्यायालय के द्वारा पूरी जांच की जाएगी और अगर इस जांच के दौरान उपलब्ध विवरण में कोई गलत जानकारी दी गई है तो न्यायालय के द्वारा दोनों जोड़ों को तुरंत तलाक लेने की अनुमति दी जाएगी।
- इसके अलावा कोई विशेष स्थिति न होने पर दंपति को 1 साल तक का इंतजार करना होगा जिसके बाद ही तलाक लिया जा सकता है।
क्या विदेशी महिला से भी कोर्ट मैरिज की जा सकती है?
अभी तक आपने सुना होगा कि भारत में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति अपने ही देश की महिला से विवाह कर सकता है लेकिन आपके मन में यह प्रश्न जरूर होगा कि क्या विदेशी महिला से भी कोर्ट मैरिज की जा सकती है? तो हम आपको बता दें कि न्यायालय के द्वारा देश के लोगो को विदेशी महिलाओं के साथ भी कोर्ट मैरिज करने का प्रावधान दिया गया है। बस शर्तें आप जिस विदेशी महिला से कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं उसके पास भारत में रहने के लिए वीजा और सभी फॉर्मेलिटी पूरी होनी चाहिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट मैरिज एक ऐसे विवाह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत धर्म, भाषा, रंग किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है और ना ही किसी विशेष प्रकार की परंपरा का निर्णय लिया जाता है इसमें बस दोनों पक्षों की तापसी सहमति से बस एक हस्ताक्षर मात्र से शादी को वैद्य माना जाता है।
कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित क्या नियम है? Related FAQs
कोर्ट मैरिज करने के कितने समय बाद तलाक ले सकते है?
कोर्ट मैरिज करने के 1 साल के बाद पति और पत्नी एक दूसरे से अलग होने के लिए न्यायालय में तलाक लेने के लिए याचिका जारी कर सकते हैं।
किन परिस्थितियों में कोर्ट मैरिज को तुरंत खत्म किया जा सकता है?
यदि न्यायालय के समक्ष कोर्ट मैरिज के दौरान पेश किए गए दस्तावेजों में कोई त्रुटि पाई जाती है या फिर लड़का लड़की के द्वारा किसी प्रकार की गलत जानकारी पेश की गई है तो ऐसी स्थिति में कोर्ट मैरिज को तुरंत खत्म कर दिया जाता है।
कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित नियम क्या है?
यदि आप कोर्ट मैरिज के बाद तलाक से संबंधित सभी निर्धारित नियमों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं तो इसके संबंध में ऊपर पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है इसलिए आप इसलिए को पुनः ध्यानपूर्वक पढ़िए।
कोर्ट मैरिज करने के बाद पति-पत्नी कितने समय तक तलाक लेने के लिए याचिका जारी नहीं कर सकते है?
कोर्ट मैरिज करने के पश्चात पति और पत्नी दोनों में से कोई भी एक बार से पहले तलाक लेने के लिए न्यायालय में याचा का जारी नहीं कर सकता है यानी कि उन्हें कोर्ट मैरिज को खत्म करने के लिए 1 साल तक प्रतीक्षा करनी होगी।
निष्कर्ष
कुछ विवाहित जोड़े बिना सोच समझ कोर्ट मैरिज कर लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद दोनों कपल के बीच विवाद बहुत अधिक बढ़ जाता है और परिस्थितियों इतनी खराब हो जाती हैं कि उन्हें न्यायालय में जाकर तलाक लेने की जरूरत पड़ जाती है लेकिन कोर्ट मैरिज करने के बाद तलाक लेना इतना आसान भी नहीं है, इसके लिए विवाहित जोड़े को कई नियमों का पालन करना पड़ता है।
हमारे द्वारा आज इस ब्लॉक पोस्ट में कोर्ट मैरिज करने के बाद तलाक संबंधित नियम क्या है? के संबंध में पूरा विवरण उपलब्ध कराया गया है। अगर आपके लिए हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कृपया करके इसे अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर जरूर करें और नीचे कमेंट सेक्शन में लिखकर हमें जरूर बताएं कि आपको हमारे इस लेख में कोर्ट मैरिज के बाद तलाक लेने से संबंधित बताए गए नियमों की जानकारी कैसी लगी?