भारत की स्वतंत्रता के लिए हमारे देश के कई नागरिकों ने बहुत संघर्ष किया था। इस स्वतंत्रता प्राप्ति के संघर्ष में हमारे देश के राजनेताओं ने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए कई आंदोलन, जुलूस तथा कई अन्य प्रदर्शन कार्य किए थे। जिनके द्वारा हमारे देश के लोगों ने ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाया। ऐसे समय में ब्रिटिश सरकार ने हमारे देश के लोगों को दबाने तथा उनकी आवाज को नीचे करने के लिए कई काले कानून लाए।
ऐसे में एक काला कानून रोलेट एक्ट भी था। जिसका विरोध हमारे देश में सबसे बड़े पैमाने पर देखने को मिला। इसका कारण यह था क्योंकि ब्रिटिश हुकूमत के एक अफसर ने ‘Bharat’ देश के लोगों के ऊपर एक सभा के दौरान गोलियां चलबा दी थी। जिससे हमारे देश के बहुत लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
तो चलिए आज के आर्टिकल के माध्यम से रोलेट एक्ट के बारे में जानते हैं। Rowlatt act kya tha? Rowlatt act को लागू करने का क्या उद्देश्य था? तथा इसके विरोध में हमारे देश के लोगों ने क्या-क्या कार्य किया? Rowlatt act के विरोध के दौरान कौन-कौन से आंदोलन चलाए गए थे? इन सभी तथ्यों के विषय में आज के इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे।
रॉलेट एक्ट क्या है? | Rowlatt act kya hai?
रॉलेट एक्ट को ब्रिटिश सरकार ने भारत में उदय हो रहे राष्ट्रीय आंदोलन को रोकने के लिए बनाया गया था। इस एक्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त होता था कि वह किसी भी भारतीय अदालत में बिना मुकदमा लड़े, किसी भी अपराधी को जेल में बंद कर सकती है।
तथा इस एक्ट के लागू होने के बाद अपराधी को उसके ऊपर किए गए मुकदमे के बारे में जानने का भी हक नही होगा। यहां तक की यह भी नहीं जान सकता था कि उसके ऊपर किस व्यक्ति ने मुकदमा किया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद किसी भी भारतीय के काफी अधिकार खत्म हो रहे थे।
इस एक्ट के लागू होने के बाद से राजद्रोह से संबंधित मुकदमें की सुनवाई के लिए एक अलग कोर्ट न्यायालय स्थापित किया गया था। तथा इस प्रकार के मामलों में कोर्ट बिना पूरी सुनवाई के भी फैसला दे सकता था।जो की पूरी तरह से भारतीयों को उत्पीड़न के लिए बनाया गया था। इस एक्ट के माध्यम से भारत में चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन को रोकने के लिए तथा उनमें भाग ले रहे लोगों को किसी न किसी तरह से राजद्रोह के मामले में फंसा कर उनको जेल भेजना था।
इस एक्ट के लागू होने के बाद से ब्रिटिश सरकार को यह अधिकारी भी मिल रहा था कि वह बलपूर्वक किसी भी स्वतंत्र प्रेस की स्वतंत्रता को अधिकारों को छीन सके तथा अपनी इच्छा से उन लोगों को कारावास की सजा भी दे सके।
इन सभी को रोकने के लिए रॉलेट एक्ट बनाया गया था। इस ऐक्ट की स्थापना 26 जनवरी 1919 को की गई थी। इस एक्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार भारतीय सरकार की स्वतंत्रता को समाप्त कर देना चाहती थी। ताकि वह किसी भी राष्ट्रीय आंदोलन में भाग ना ले। इस एक्ट के माध्यम से सरकार पूरी तरह से भारतीयों की क्रांतिकारी गतिविधियों को रोकना चाहती थी।
रॉलेट एक्ट लाने का क्या उद्देश्य था?
Rowlatt act के माध्यम से ब्रिटिश सरकार भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन तथा क्रांतिकारी गतिविधियों को रोकने के लिए तथा इस प्रकार की सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से अपना अधिकार पाने के लिए यह एक्ट ला रही थी। इस एक्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार को भारतीय लोगों की स्वतंत्रता को पूरी तरह से अपने बस में करने का हक मिल जाता है।
तथा वह इस एक्ट के माध्यम से भारत में हो रही स्वतंत्र प्रेस अर्थात पत्रकारिता की स्वतंत्रता को भी पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहती थी।ब्रिटिश सरकार इस एक्ट को लाकर भारतीयों के हित में बने जितने भी नियम थे उन सभी को खत्म करना चाह रही थी।
रॉलेट एक्ट को काला कानून के नाम से भी जाना जाता है। और इस एक्ट को काला कानून इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस एक्ट के लागू होने से भारतीयों को अपनी स्वतंत्रता तथा देश के स्वतंत्रता को लेकर चल रहे आंदोलन तथा क्रांतिकारी भावनाओं को समाप्त कर देने का उद्देश्य था।इस एक्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार मुकदमों को बिना न्यायालय में लड़े फैसला सुनाने का अधिकार मिल जाता। इस प्रकार के उद्देश्य से इस एक्ट को लाया गया था।
रॉलेट एक्ट को कब लागू किया गया था?
रॉलेट एक्ट को भारतीयों के अधिकारों को छिनने तथा उनकी स्वतंत्रता को समाप्त करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक समिति बनाकर इस रॉलेट एक्ट को 1919 ई पारित किया था। इस रॉलेट एक्ट के अंतर्गत ब्रिटिश सरकार ने सीधे-सीधे भारतीय लोगों के अधिकारों का दबाने का प्रस्ताव रखा था। इसके विरोध में भारत में कई गतिविधियां हुई जो कि भारतीय स्वतंत्रता में काफी सहयोगी रही थी।
रॉलेट एक्ट का विरोध किस प्रकार हुआ?
रॉलेट एक्ट को लागू होने के विरोध में पूरे देश में कई प्रकार के गतिविधियां शुरू हो गई जिसमें मदन मोहन मालवीय तथा मोहम्मद अली जिन्ना ने इसके प्रतिवाद में केंद्रीय व्यवस्थापिका की स्थापना सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। तथा इस प्रकार के कानून को रोकने के लिए देश के कई स्थानों पर कई प्रकार के विरोध, जुलूस, हड़ताल तथा प्रदर्शन कार्य देखने को मिले। जिनके माध्यम से भारतीयों ने इस कानून को रोकने के लिए हर प्रकार के प्रयत्न किया। इन प्रदर्शन कार्यों में इस रॉलेट एक्ट को काले कानून के नाम से भी कहा गया।
इस आंदोलन में महात्मा गांधी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। इस समय तक महात्मा गांधी भारतीय राजनीति के प्रमुख व्यक्ति बन चुके थे। जिन्होंने इस एक्ट को रोकने के लिए आंदोलन किया तथा इस एक्ट के विरोध में कई आंदोलन को हथियार के रूप में प्रयोग किया। और रोलेट एक्ट के विरोध में गांधीजी के द्वारा प्रथम राष्ट्रीय आंदोलन था।
24 फरवरी 1919 के दिन महात्मा गांधी जी ने मुंबई की एक सत्याग्रह सभा के आयोजन के दौरान इस काले कानून को रोकने के लिए तथा इसके विरोध में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर इस कानून का विरोध करने का तय किया। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर विरोध कर कई और भारतीयों का समर्थन प्राप्त किया और इस आंदोलन का विरोध किया।
जैसे कि गांधी जी का उनके पूरे जीवन काल का स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए एक ही उद्देश्य था। कि उनको सत्य और अहिंसा की मार्ग पर चलकर स्वतंत्रता प्राप्त करनी है। तथा ब्रिटिश शक्तियों से अपने देश को आजाद करना है। और इस यात्रा में ब्रिटिश सरकार द्वारा जो भी भारतीयों के स्वतंत्रता तथा उनके हित के खिलाफ कानून तथा नियम बनाया जाए उनका विरोध करना था। गांधी जी ने अपना पूरा जीवन सत्य और अहिंसा के मार्ग पर ही बिताया।
Rowlatt act related FAQ
भारतीयों के द्वारा रोलेट एक्ट का विरोध क्यों किया जा रहा था?
भारतीय लोग रॉलेट एक्ट का विरोध इसलिए कर रहे थे क्योंकि इस एक्ट के माध्यम से ब्रिटिश सरकार कुछ ऐसे नियम बना रही थी जो की भारतीयों की स्वतंत्रता तथा उनके द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किया जा रहे हैं संघर्ष को रोकने का प्रयास कर रही थी। तथा उससे भारतीयों की स्वतंत्रता को पूरी तरह से कुचलना का कार्य किया जा रहा था।
रॉलेट एक्ट के बाद भारतीय राजनीति में क्या प्रभाव देखने को मिला?
रॉलेट एक्ट के विरोध में भारतीयों के साथ कई घटनाएं घटी और घटनाओं का परिणाम यह देखने को मिला। कि इसके बाद भारतीयों में अंग्रेजों को भारत से बाहर भेजना तथा भारत की स्वतंत्रता का जुनून और भी बढ़ गया।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको स्वतंत्रता प्राप्ति के संघर्ष में तथा उसको रोकने के लिए शुरू किए गए Rowlatt act के बारे में बताया। ब्रिटिश सरकार ने रोलेट एक्ट को लागू क्यों किया था? रॉलेट एक्ट के अंदर ऐसी क्या नियम बनाए गए थे जिनके वजह से भारतीय लोगों को इस एक्ट का विरोध करना पड़ा था? तथा कई बड़े-बड़े आंदोलन तथा विरोध प्रदर्शन कार्य किए थे।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम रोलेट एक्ट के लागू होने के उद्देश्य के बारे में भी जाना तथा इसके विरोध में हुए सत्याग्रह आंदोलन तथा जलियां वाले बाग हत्याकांड के बारे में भी इस आर्टिकल के माध्यम से हमने समझा। आशा करते हैं कि इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी आपको पसंद आई होगी और यदि पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।