kirayedar ko Ghar Se bedakhal Kaise Kare: वर्तमान समय में महंगाई इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि एक मिडिल क्लास व्यक्ति को अपने परिवार को चलाने में रोजाना कई प्रकार की मुश्किलों से जूझना पड़ता है हालांकि कुछ लोग इस महंगाई के जमाने में कुछ पैसे कमाने के लिए अपने मकान को किराए पर दे देते हैं लेकिन समस्या तब पैदा होती है, जब कोई किरायेदार आवश्यकता होने या फिर रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बावजूद भी मकान खाली करने से मना कर देता है और उसे पर कब्जा करके बैठ जाता है।
हालांकि कुछ किराएदार ऐसे होते है, जो लोगो के द्वारा थोड़ा समझने जाने या फिर दबाव डालने पर किराए के मकान को खाली करने के लिए तैयार हो जाते है किंतु वहीं कुछ किराएदार बहुत ही गेट होते हैं जो कोर्ट कचहरी की धमकी देने के बावजूद भी किराए के घर से अपना कब्जा हटाने के लिए तैयार नहीं होते है तो ऐसी स्थिति में अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर किराएदार को घर से कैसे बेदखल करें?
अगर आप भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही लिखा गया है क्योंकि इस आर्टिकल में हमने किराएदार को अपने घर से कैसे बेदखल करें? (kirayedar ko Ghar Se bedakhal Kaise Kare) या किराएदार को बेदखल करने के कानूनी नियमों के बारे में बताया है जो आपके काम आएगी तो आइए शुरू करते है-
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kirayedar ko Ghar Se bedakhal Kaise Kare
कई बार ऐसा होता है कि मकान मालिक बिना किसी लिखित सहमति के अपना मकान किसी अन्य व्यक्ति को किराए के तौर पर दे देता है और जब कभी मकान मालिक को यदि अपने स्वयं के व्यवसाय अथवा अपने परिवार के लिए परिसर की आवश्यकता होती है तो किराएदार मकान को खाली नहीं करता है. इस समस्या से आज कई लोग जूझ रहे हैं क्योंकि उन्हें जानकारी ही नहीं है कि वह किराएदार को अपने घर से बेदखल कैसे कर सकते है?
अगर आपकी संपत्ति या फिर मकान पर किराएदार ने अवैध कब्जा कर लिया है और आप अपने मकान से किराएदार को बेदखल करना चाहते हैं तो आपके लिए बस इस आर्टिकल में बताई गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ने की आवश्यकता है. क्योंकि इस आर्टिकल में हमने किराएदार को घर से बेदखल करने की पूरी प्रक्रिया और संबंधित नियमों की जानकारी विस्तार पूर्वक बताई है।
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किराएदार को घर से बेदखल करने के कारण
किराएदार को अपने घर से बेदखल करने के कई कारण हो सकते है, जिनमें से कुछ के संबंध में निम्नलिखित प्रकार से नीचे बताया गया है-
- अगर किराएदार 15 दिन से अधिक की अवधि होने के बावजूद भी किराए की राशि का भुगतान न करें तब किराएदार को बेदखल किया जा सकता है।
- यदि मकान मालिक बिना किसी लिखित सहमति के मकान किसी व्यक्ति को किराए पर देता है।
- मकान मालिक के के घर का इस्तेमाल लिखित समझो तो के उद्देश्य के अतिरिक्त किसी अन्य उद्देश्य के लिए करने की स्थिति में भी किराएदार को बेदखल किया जा सकता है।
- किराएदार के द्वारा ऐसा कोई भी कार्य किया जाना जिसमें संपत्ति की वैल्यू कम हुई हो।
- किराएदार के द्वारा मकान मालिक के संपत्ति पर किसी गैर कानूनी अथवा अवैध कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाना।
- अगर पड़ोसी को किराएदार के रहने से कोई आपत्ति है तो किराएदार को घर से बेदखल करना आदि।
किराएदार को घर से बेदखल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे के मकान पर जबरन कब्जा कर लेता है और इस मामले को कोर्ट के साथ पेश किया जाता है तो कोर्ट भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं लेती बल्कि सबूत के आधार पर फैसला लिया जाता है ऐसी स्थिति में आपको अपने घर से किराएदार को बेदखल करने के लिए जिन जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता होगी जो कोर्ट में आपकी दलील का पुख्ता आधार बनेंगे, जैसे कि-
- रेंट एग्रीमेंट
- लीज एग्रीमेंट
- बाउंस हुए चेक
- किराएदार को भेजे नोटिस की काॅपी
- किराएदार अथवा गवाहों संग ईमेल
- टेक्स्ट एवं वाॅइसमेल का आदान प्रदान की जानकारी
- गवाहों एवं अन्य लोगों के शपथ पत्र
- क्षतिग्रस्त संपत्ति की तस्वीरें।
- बेदखली नोटिस की काॅपी
- रिसीविंग की रसीद का प्रिंट आउट
- पुलिस रिपोर्ट आदि।
किराएदार को घर से बेदखल करने की प्रक्रिया
किसी भी किराएदार को अपने घर से बेदखल करने के लिए मकान मालिक को एक निर्धारित प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। अगर आपके घर पर भी किराएदार ने जबरन कब्जा कर लिया है और आप उसे अपने घर से बेदखल करना चाहते हैं तो आप नीचे बताई गई प्रक्रिया को अपना सकते है, जो कुछ इस प्रकार से है –
- मकान मालिक को किसी भी व्यक्ति को किराए पर घर देते समय 11 महीने का एग्रीमेंट अवश्य बनवा लेना चाहिए यह समय पूरा करने की पश्चात किराएदार को आपका घर छोड़ना ही होगा।
- और अगर किराएदार घर पर कब्जा छोड़ने को तैयार ना हो तो क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के साथ उससे मिलकर बात करें एवं उसे मकान छोड़ने को कहें।
- यदि फिर भी किराएदार आपके मकान से कब्जा हटाने को तैयार ना हो तो आप उसे स्पष्ट रूप से उसके खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा कर सकते हैं।
- किराएदार के खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा करने के लिए आपको अपने वकील से संपर्क करना होगा और उसे अपनी प्रॉपर्टी से किराएदार को बेदखल करने के लिए कहना होगा।
- इसके पश्चात वकील के द्वारा किराएदार को ट्रांसफर आफ प्रॉपर्टी एक्टएक्ट की धारा 106 के अंतर्गत कानूनी नोटिस भेजकर लीज को रद्द किया जाएगा।
- यदि नोटिस प्राप्त करने के बाद भी किराएदार मकान से कब्जा हटाने के लिए तैयार ना हो तो आप डिस्ट्रिक्ट सिविल कोर्ट में उसके खिलाफ बेदखली का वाद दायर करें।
- जिला सिविल कोर्ट से किराएदार को बेदखली का नोटिस दिया जाएगा और उसके पश्चात किराएदार को मकान छोड़ना होगा।
- यदि इसके बावजूद भी किराएदार मकान नहीं छोड़ता है तो आप वकील से संपर्क करके सुनवाई के लिए कहना होगा और फिर आपको सुनवाई तक इंतजार करना होगा।
- सनी के दौरान मकान मालिक के पास किराएदार की बेदखली को लेकर जितने भी सबूत हैं उन सभी को पेश करना होगा।
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किराएदार को बेदखल करने की इस प्रक्रिया में काफी लंबा समय लग सकता है।
kirayedar ko Ghar Se bedakhal Karne Ke Rule
अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश राज्य में भी मकान मालिक एवं किराएदार के बीच होने वाले विवाद के निपटारा के लिए किराएदारी कानून लागू किया जाता है। उत्तर प्रदेश राज्य में यह कानून अगस्त 2021 में नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन विधेयक के रूप में पेश किए गए थे। इस नियम के अनुसार मकान मालिक किराएदार को अपने घर से बेदखल कर सकता है इस नियम की कई खास बातें हैं जो इस प्रकार से नीचे बताई गई है –
- नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन विधेयक 2021 के अनुसार कोई भी मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट के बिना किसी भी व्यक्ति को किराए पर नहीं रख सकता है।
- किसी भी व्यक्ति को किराए पर रखने से पहले किराएदार से जुड़ी सभी जानकारी मकान मालिक को ट्रिब्यूनल प्राधिकारी को देनी होगी।
- साथ ही साथ इस नियम में 3 महीने के भीतर रेंट एग्रीमेंट की जानकारी भी ट्रिब्यूनल प्राधिकारी को देना आवश्यक किया गया है।
- उत्तर प्रदेश राज्य के किराएदारी नियम के अनुसार मकान मालिक को हर वर्ष आवासीय में पांच प्रतिशत एवं गैर आवासीय 7% की दर से किराए कीबढ़ोतरी कर सकता है।
- लेकिन मकान मालिक केवल साल आना चक्रवर्ती के हिसाब से ही किराए में बढ़ोतरी कर सकता है।
- किराएदार को मकान किराया लेने से पहले मकान मालिक को आवासीय हेतु 2 महीने का एडवांस बगैर आवासीय के लिए 6 माह का एडवांस किराया देना होगा।
- और जब किराएदार घर को छोड़ेगा तो उसे समय मकान मालिक किराएदार को यह एडवांस वापस देगा।
- इतना ही नहीं जरूर पढ़ने पर मकान मालिक किराएदार के घर की मरम्मत भी कराएगा साथ ही साथ उसे खिड़की दरवाजा का भी पेंट करना होगा।
- और यदि किसी कारणवश किराएदार के मकान की बिजली खराब हो जाती है तो उसे ठीक करने का पूरा जुम्मा मकान मालिक का होगा।
- इसके अलावा नल का वाॅशर खराब होने,नाली की सफाई, टाॅयलेट की मरम्मत, बाथटब,ठीक कराने, स्विच साॅकेट की मरम्मत, दरवाजे-खिड़कियों आदि की मरम्मत करने की जिम्मेदारी किराएदार की होगी
kirayedar ko Ghar Se bedakhal Kaise Kare Related FAQs
किसी भी व्यक्ति को किराए पर मकान देने से पहले रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन कराना कि आवश्यक है?
किसी भी व्यक्ति को किराए पर मकान देने से पहले रेट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन कराना इसलिए आवश्यक होता है ताकि आप आवश्यकता पड़ने पर कभी भी किराएदार को अपने घर से बेदखल कर सकें।
यदि कोई किरायेदार रेंट एग्रीमेंट में दी गई अवधि पूरा होने के बाद भी मकान खाली नहीं करता है तो उसे बेदखल कैसे कर सकते हैं?
यदि कोई किरायेदार रेंट एग्रीमेंट में दी गई अवधि पूरा होने के बावजूद भी मकान खाली नहीं करता है तो मकान मालिक उसे वकील के माध्यम से लीज नोटिस भेज कर या फिर कोर्ट जाकर उसे अपने घर से बेदखल कर सकता है।
किराएदारी से संबंधित मामले किस अधिनियम के अंतर्गत आते है?
किराएदारी से जुड़े मामले संबंधित राज्यों में लागू किराया अधिनियम के तहत आते हैं। यदि बात करें उत्तर प्रदेश राज्य की तो यहां नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन विधेयक 2021 के अनुसार किराएदारी के विवादों को निपटाया जाता है।
मकान मालिक एवं किराएदार के बीच किराएदारी से संबंधित शर्तों के लिए कौन सा दस्तावेज तैयार कराया जाता है?
मकान मालिक एवं किराएदार के बीच किराएदारी से संबंधित शर्तों के लिए रेंट एग्रीमेंट तैयार करवाना पड़ता है। जिसे कोई भी किराएदार या मकान मालिक आपसी सहमति या फिर वकील की सहायता से बनवा सकता है।
निष्कर्ष
लोग महंगाई के इस दौर में अपने घर को चलाने के लिए अपने घर में किराएदार को रखते हैं लेकिन जब किराएदार उनके घर पर कब्जा करके बैठ जाता है तो लोगों को काफी परेशानी होती हैं और लाख कोशिश करने के बावजूद भी किराएदार घर खाली करने को तैयार नहीं होता है ऐसी स्थिति में आप किराएदार को अपने घर से मेडिकल करने के लिए कानूनी सहायता ले सकते है। इस आर्टिकल में हमने किराएदार को अपने घर से कैसे बेदखल करें? के संबंध में बताया है उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपके लिए लाभकारी साबित रहा होगा.