लोन एग्रीमेंट कैसे होता है? | Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi

|| लोन एग्रीमेंट कैसे होता है? | Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi | How is a loan agreement | What is Loan agreement in Hindi | लोन एग्रीमेंट कैसे होता है? | How is the loan agreement done? | लोन कितने प्रकार के होते है? | Type of Loan in Hindi | लोन एग्रीमेंट में कौन सी जानकारी दी होती है? | लोन एग्रीमेंट कब तक मान्य रहता है? ||

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में पैसा एक बहुत बहुमूल्य चीज है हर किसी को पैसे की आवश्यकता होती है फिर चाहे गरीब या फिर अमीर व्यक्ति की क्यों न हो। जब किसी व्यक्ति (Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi) को किसी आर्थिक परेशानी या फिर आवश्यक कार्य को करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है तो वह या तो किसी दूसरे से उधार पैसे लेते है या फिर बैंक से लोन लेते है. 

लेकिन जब पैसे वापस करने की बारी आती है तो लोग अपनी बात से मुकर जाते है (How is a loan agreement?) और कई बार तो देनदार की लेनदार से भयंकर लड़ाई भी हो जाती है। इसलिए हर तरह की बैंक या वित्तीय संस्था लोन देने के दौरान एक एग्रीमेंट करता है। जिससे लोन एग्रीमेंट कहा जाता है लेकिन अधिकतर लोगो को लोन एग्रीमेंट क्या होता है? (What is Loan agreement in Hindi) 

और इसमें कौन कौन सा ब्योरा लिखा होता है? आदि के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए आज इस पोस्ट में हम आपके साथ Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है तो आप अंत तक हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।

लोन एग्रीमेंट क्या होता है? | What is Loan agreement in Hindi

जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या फिर गैर सरकारी वित्तीय संस्था से लोन लेता है तो पैसे देने वाले बैंक का कंपनी तथा लोन (Loan agreement Kya Hota Hai?) लेने वाले व्यक्तियों के बीच एक अनुबंधन होता है जिसमें लोन से संबंधित सभी प्रकार के नियम और शर्तें जैसे-लोन के रूप में ली गई राशि पर ब्याज दर, मासिक किस्त कितनी ली जायेगी, किस तिथि पर दी जाएगी, लोन (How to Do Loan agreement in Hindi) न चुकाने की स्थिति में वसूली प्रक्रिया क्या होगी आदि अंकित होती है.

Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi

ताकि लोन लेने वाले व्यक्ति से आसानी से बाद में लोन की राशि की वसूली आसानी से की जा सके। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब कोई लोन लेने वाला व्यक्ति और लोन देने वाली संस्था लोन एग्रीमेंट (Loan agreement Kya Hota Hai in Hindi) पर साइन कर देता है तो संस्था द्वारा लोन एग्रीमेंट के नियमानुसार लोन राशि की वसूली की जाती है। 

लोन कितने प्रकार के होते है? | Type of Loan in Hindi 

वर्तमान समय में लोग अपनी अलग-अलग घटनाओं के आधार पर बैंक एवं गैर वित्तीय संस्थाओं से लोन प्राप्त करते है। कुछ लोग घर बनाने के लिए, व्यवसाय के विस्तार के लिए, कार के लिए लोन लेते है। आजकल लगभग सभी बैंको और नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के द्वारा लोगो को कई प्रकार के लोन उपलब्ध कराए जाते है जैसे-

Personal Loan

जब किसी व्यक्ति को किसी निजी अवयक कार्य जैसे-शादी इलाज इत्यादि के लिए पैसों की आवश्यकता होती है तो वह व्यक्ति गैर सरकारी संस्था या फिर बैंकों से लोन प्राप्त करता है जिसे पर्सनल लोन कहा जाता है इस प्रकार के लोन को प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार की वस्तु या फिर जमीन को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

कोई भी व्यक्ति आसानी से 1 साल से लेकर 5 साल की अवधि तक के लिए पर्सनल लोन प्राप्त कर सकता है लेकिन इसकी ब्याज दर अधिक होती है और साथ ही पर्सनल लोन प्राप्त करने के लिए व्यक्ति का सिविल इसको अच्छा होना चाहिए आमतौर पर कोई भी नागरिक आसानी से 4000000 रुपए तक पर्सनल लोन प्राप्त कर सकता है। 

Home Loan

होम लोन जैसा की आप इसके नाम से ही समझ सकते है कि इस प्रकार के लोन को घर बनने के लिए लोन लेते है। घर बनवाने के लिए होम लोन आसानी से हर बैंक और गैर वित्तीय संस्था के द्वारा लंबी अवधि के लिए उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन इस लोन को देने से पहले वित्तीय संस्था तथा बैंकों के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि लोन लेने वाला व्यक्ति लोन चुकाने के योग्य है अथवा नहीं। 

इसकी ब्याज दर एक पर्सनल लोन की अपेक्षा में कम होती हैं लेकिन अलग-अलग बैंकों के द्वारा अलग-अलग ब्याज दरों पर होम लोन उपलब्ध कराया जाता है। बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं के द्वारा होम लोन व्यक्ति की जमीन की वैल्यू का 80 से 90% तक होम लोन आसानी से दे दिया जाता है।

Car Loan

हर व्यक्ति के जीवन में सिर्फ दो ही सपने होते हैं पहला घर और दूसरा कार। वर्तमान समय में लोग कार लोन लेकर अपना कार लेने का सपना पूरा कर रहे हैं अगर आप धिक्कार लोन लेना चाहते हैं तो आप आसानी से किसी भी सरकारी या प्राइवेट बैंक अथवा गैर सरकारी संस्था से प्राप्त कर सकते है।

इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे आईडी सैलरी स्लिप बिजनेस से जुड़े दस्तावेज और आइटीआर अधिक की आवश्यकता होगी। आज के वक्त में अलग-अलग बैंकों के द्वारा अलग-अलग ब्याज दरों पर नागरिकों को कार लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

Business Loan

अधिकांश बैंकों के द्वारा लोगों के लघु एवं छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिए आमतौर पर बिजनेस लोन प्रदान किए जाते है। बिजनेस लोन लेने के लिए आमतौर पर बिजनेस से जुड़े कागजात एवं बिजनेस की वैल्यू के आधार पर लोन प्रदान किया जाता है। 

कई ऐसे बैंक है जो अपने ग्राहकों को ₹30000 से लेकर ₹10000000 तक का अनसिक्योर्ड बिजनेस लोन उपलब्ध कराते है। इस प्रकार के लोन को प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार का बिजनेस कम से कम 1 साल पुराना होना चाहिए और साथी उसका टर्नओवर भी अधिक होना चाहिए।

लोन एग्रीमेंट कैसे होता है? | How is the loan agreement done?

जब कोई व्यक्ति किसी संस्था या फिर बैंक से लोन प्राप्त करता है तो बैंक एवं लेनदार के बीच कुछ नियम एवं शर्तें निर्धारित की जाती हैं जिसके अनुसार लोन लेने वाले व्यक्ति को तथा लोन देने वाली संस्था या फिर बैंक को पूरा करना होता है। इस एग्रीमेंट में लेनदार तथा देनदार दोनों पक्षों के हस्ताक्षर किए जाते हैं।

ताकि इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोन देने वाला और लोन लेने वाला एग्रीमेंट में दी गई दो सभी शर्तों से सहमत है। यदि दोनों पक्षों में से कोई लोन एग्रीमेंट में लिखित नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अगर आप लोन एग्रीमेंट डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे उपलब्ध लिंक पर क्लिक करें।

लोन एग्रीमेंट की आवश्यकता क्याें होती है? | What is the Need For A Loan Agreement

अभी तक हमने आपको ऊपर लोन एग्रीमेंट क्या होता है और अब हम आपके साथ लोन एग्रीमेंट करने की आवश्यकता क्यों होती है? इसके संबंध में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक साझा करेंगे।

  • यह एक विधिक दस्तावेज होता है जिसे लोन देनदार और लंदन के बीच एक प्रूफ के तौर पर बनाया जाता है। 
  • लोन एग्रीमेंट पर साइन होने के पश्चात दोनों पक्षों की ओर से लोन संबंधित धोखाधड़ी होने की आशंका पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है।
  • लोन लेने वाले अथवा लोन देने वाले दोनों पक्षों के बीच पैसा मारने का डर पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है।
  • लोन एग्रीमेंट होने के पश्चात यदि कोई पक्ष लोन में लिखित शर्तों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कदम उठाया जा सकता है।
  • इसमें लोन राशि को निर्धारित समय तक भरना पड़ता है जो कि लोन एग्रीमेंट में साफ-साफ अंकित होती है।

एक लोन एग्रीमेंट में कौन सी जानकारी दी होती है? | What are the Details Written on a Loan Agreement

क्या आपको पता है कि एक लोन एग्रीमेंट में कौन सी जानकारी दी होती है? यदि नहीं तो आप नीचे बताए गए सभी पॉइंट्स को केयर फुल्ली पढ़े।

  • लोन एग्रीमेंट में मुख्य रूप से लोन लेने की तारीख, स्थान, लोन लेने वाले और देने वाले का नाम,  पता,  मोबाइल नंबर आदि।
  •  एलसाथ ही लोन के रूप में कितनी धनराशि ली अथवा दी जा रही है
  • भुगतान करने की अवधि, लोन राशि पर तय की गई ब्याज की दर, लोन पर लगने वाला चक्रवृद्धि ब्याज, ब्याज दरें फिक्स्ड (fixed) रहेंगी अथवा इनमें समय के साथ कोई परिवर्तन किया होगा या नहीं।
  • लोन का भुगतान करने का तरीका,  लोन वसूली, वापसी की प्रक्रिया के साथ समय से लोन नहीं चुकता होता तो किस प्रकार की कानूनी बाध्यता रहेगी। आदि जानकारी दी होती है.

लोन एग्रीमेंट किस अवधि तक माना जाता है?

जैसा कि हमने आपको बताया कि बैंकों एवं गैर वित्तीय संस्थाओं के द्वारा लोन देने के लिए लोन एग्रीमेंट तैयार किया जाता है इस एग्रीमेंट में लोन वापसी की जो तारीख डाली जाती है उसी तिथि तक लोन एग्रीमेंट मान्य होता है लोन एग्रीमेंट में लोन लेने वाले के साथ-साथ लोन देने वाले तथा गारंटी के दौरान उपस्थित लोगों के साइन होते है। 

जिसका सीधा मतलब यह है कि एग्रीमेंट में लिखी गई सभी बातों से लोन देने वाला देनदार और लोन लेने वाला लेनदार दोनों सहमत हैं और यदि कोई पक्ष एग्रीमेंट पर लिखी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

लोन एग्रीमेंट करते वक्त ध्यान रखने योग्य बातें

अगर आप अपने किसी प्रकार के आवश्यक कार्य को करने या फिर दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किसी बैंक की आप एक गैर सरकारी संस्था से किसी प्रकार का लोन प्राप्त कर रहे है तो आपको उस बैंक किया संस्था के साथ इन लोगों ने एग्रीमेंट करवाना होगा लोग एग्रीमेंट कराते समय आप निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखे, जैसे –

  • लोन एग्रीमेंट करते समय लोन एग्रीमेंट में लिखे गए सभी नियमों एवं शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • लोन लेने से पहले एग्रीमेंट में यह सुनिश्चित जरूर करवा लें कि लोन से संबंधित ब्याज दरें क्या होंगी और यह ब्याज दरें फिक्स रहेंगे या फिर चेंज हो सकती हैं।
  • लोन लेते समय सदैव अपने अनुसार लोन भुगतान की अवधि का चुनाव करें और साथ ही यह भी सुनिश्चित करले की लोन चुकाने की अवधि में परिवर्तन किया जा सकता है अथवा नहीं।
  • साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करने के लोन भुगतान का तरीका क्या रहेगा और आपको कितनी राशि का हर महीने एमआई भरना पड़ेगा।
  • लोन एग्रीमेंट बनवाते समय यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपको किसी भी प्रकार का प्रीपेमेंट चार्ज तो नहीं देना होगा।

Loan Agreement Related FAQs

लोन एग्रीमेंट क्या होता है?

लोन एग्रीमेंट एक बहुत ही जरूरी कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें लोन लेने वाले और लोन देने वाले के बीच होने वाली सड़कों एवं नियमों का उल्लेख होता है.

अगर लोन देनदार और लेनदार लोन एग्रीमेंट में लिखें नियमों एवं शर्तों उल्लंघन करता है तो क्या होगा?

अगर कोई लोन देने वाला लेनदार या फिर देनदार लोन एग्रीमेंट मेले के नियमों या शर्तों का उल्लंघन करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाती है।

लोन एग्रीमेंट कब तक मान्य रहता है?

लोन एग्रीमेंट में लिखित तिथि तक ही मान्य होता है हालांकि कुछ केसों में लोन एग्रीमेंट की तिथि बढ़ाई जा सकती है जोकि देनदाता और लेन दाता के ऊपर निर्भर करता है।

लोन एग्रीमेंट में क्या-क्या जानकारी दी होती है?

लोन एग्रीमेंट में लोन देने वाले और लेने वाले तथा गारंटर्स के नाम, पता, मोबाइल नंबर के अतिरिक्त लोन राशि, ब्याज दर, भुगतान के तरीके वसूली की प्रक्रिया इत्यादि की जानकारी अंकित होती है।

लोन लेने से पहले किस बात का ध्यान रखें?

किसी भी बैंक के संस्था से लोन लेने से पहले उसके द्वारा दिए जाने वाले ऑफिस की अच्छी तरह से जांच कर ले।

निष्कर्ष

आज हमने आप सभी को अपने इस आर्टिकल के माध्यम से लोन एग्रीमेंट क्या होता है? और लोग एग्रीमेंट कैसे होता है? इत्यादि के बारे में विस्तार पूर्वक पूरी जानकारी साझा की है पुलिस स्टाफ आशा करते हैं कि आपको हमारे इस लेख में बताई गई जानकारी समझ आई होगी. अगर आपको इसलिए अपने बताई गई जानकारी समझाइए हो तो आपसे अनुरोध है कि आप हमारे इस आर्टिकल को अधिक से अधिक अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में कमेंट करके इसलिए के संबंध में अपने विचार हमारे साथ शेयर करना ना भूले।

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