जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार के विवाद या फिर अन्य किसी समस्या से घिरा होता है तो वह कानूनी सहायता लेने के लिए पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराता है। एफआईआर का पूरा नाम फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट होता है, जो क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1974 के तरह किसी भी तरह के आपराधिक कार्यवाही/क्रिमिनल प्रोसीडिंग्स के लिए उठाया जाने वाला पहला कदम होता है। आसान भाषा में बताए तो एफआईआर संज्ञेय/कॉग्निजेबल अपराधों के बारे में पूरी जानकारी देने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।
किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी सहायता लेने हेतु एफआईआर दर्ज करने के लिए एफआईआर करने वाले व्यक्ति को कम्प्लेनेंट की पहचान उसके साइन के साथ देने पड़ती है, अन्यथा यह एफआईआर वैलिड नहीं मानी जाती है। पुलिस विभाग भी बिना वेरिफिकेशन के एफआईआर फाइल करने के लिए बाध्य है, यही कारण है कि लोग इसका फायदा उठाते है और अपनी निजी दुश्मनी का बदला लेने के लिए दूसरों के खिलाफ झूठी एफआईआर कर देते है। जो लोगो के लिए काफी बड़ी मुसीबत बन जाती है।
हालांकि इसके बचाव के लिए भारतीय संविधान में कई प्रोविजन्स दिए गए है, जिनके माध्यम से आप अपने ऊपर कराई गई झूठी एफआईआर से बच सकते है। आज इस लेख में हम झूठी एफआईआर कैसे रद्द कराएं? (How To Cancel FIR) के बारे में चर्चा करने जा रहे है। अगर आप भी इसके संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो अंतिम तक हमारे इस आर्टिकल के साथ जुड़े रहिए।
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झूठी एफआईआर कैसे रद्द कराएं?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अधिकांश लोग एक दूसरे से बदला लेने या फिर अपना गुस्सा निकालने के लिए झूठी फिर दायर कर देते हैं जिसकी वजह से विक्टिम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और अगर विक्टिम चाहे तो झूठी फिर को रद्द करने के लिए कोर्ट में अपना आवेदन कर सकता है। यदि आपके भी खिलाफ किसी व्यक्ति ने झूठी फिर करी है और आपसे रद्द करना चाहते है।
किंतु आपको नहीं पता झूठी एफआईआर कैसे रद्द कराएं? तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस आर्टिकल में हमने एफआईआर रद्द करने और अगर कोई व्यक्ति आपके ऊपर झूठी फिर करता है तो उसके खिलाफ आप किस प्रकार से कानूनी कार्रवाई के लिए कदम उठा सकते है? के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है इसलिए आप सभी को ध्यान पूर्वक अंतिम तक इस आर्टिकल को पूरा परिणाम होगा।
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झूठी एफआईआर के लिए एंटीसिपेटरी बेल
एंटीसिपेटरी बेल आमतौर पर ऐसे मामले होते है, जिनमें एफआईआर होने के बाद तब तक गिरफ्तारी नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति सीआरपीसी के सेक्शन 438 के तहत अग्रिम/एंटीसिपेटरी बेल लेने के लिए याचिका दायर कर सकता है। एंटीसिपेटरी बेल मुख्य रूप से गैर जमानती अपराधों के मामलों में सेक्शन कोर्ट या हाई कोर्ट से ली जा सकती है।
जिसका प्रमुख उद्देश्य किसी निर्दोष व्यक्ति को कम्प्लेनेंट के चलते किसी भी प्रकार के अपमानित या परेशानी का सामना न करनापड़े। कोर्ट के द्वारा व्यक्ति को बल देने पर कई अन्य बातों पर भी ध्यान रखा जाता है साथ ही साथ विक्टिम पर कई तरह की शर्तें भी लागू होती है।एंटीसिपेटरी बेल लेने की शर्तों के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नजदीकी पुलिस थाने या फिर किसी वकील से संपर्क कर सकते है।
झूठी एफआईआर से बचने के लिए कोर्ट में करें आवेदन
यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठी फिर करता है और पुलिस के द्वारा व्यक्ति को अरेस्ट करके उसके खिलाफ चार सीट फाइल कर दी गई है तो व्यक्ति झूठी फिर से बचने के लिए सीआरपीसी के सेक्शन 482 के तहत झूठी एफआईआर को रद्द करने के लिए एप्लीकेशन फाइल कर सकता है या फिर भारतीय संविधान के क्षेत्र 226 या 32 के तहत निषेध रिट या परमादेश की रिट फाइल करने के पश्चात हाई कोर्ट के समक्ष अपना मामला पेश कर सकता है।
इसके बाद कोर्ट के द्वारा फिर की पूरी जांच की जाती है और व्यक्ति के निर्दोष होने की स्थिति में बिना किसी परेशानी के आजादी दे दी जाती है। साथ ही साथ कंप्लेंट करने वाले व्यक्ति के ऊपर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाता है।
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झूठी एफआईआर पर कर सकते है मानहानि का केस
यदि कोई व्यक्ति आपसी दुश्मनी या मतभेद के चलते आपके खिलाफ झूठी फिर दर्ज करता है तो आप अपने बचाव के लिए उसे व्यक्ति के खिलाफ सेक्शन 499 और सेक्शन 500 के अंतर्गत आपराधिक मानहानी का केस भी फाइल किया जा सकता है। भारतीय संविधान में सेक्शन 499 और सेक्शन 500 के अंतर्गत अपराधी व्यक्ति को 2 साल तक की जेल या फिर जुर्माना दोनों हो सकता है.
इसके अलावा आईपीसी के क्षेत्र 220 के अंतर्गत झूठी एफआईआर करने वाले व्यक्ति को 7 साल तक की जेल या जुर्माना अथवा दोनों सजाएं जा सकते हैं। आम तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को गलत तरीके से आपराधिक केस में फसता है यह गलत तरीके से अपनों ने कानूनी अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो ऐसी स्थिति में मानहानि का कैसे किया जा सकता है।
झूठी एफआईआर के खिलाफ मिलेगा मुआवज़ा
अधिकांश मामलों में देखा गया है कि लोग दूसरों से बदला लेने की नीयत से व्यक्ति को पीड़ित या परेशान करने के लिए झूठे केस फाइल करते हैं ऐसे केसेस में विक्टिम द्वारा सिविल प्रोसीजर कोड 1908 के क्षेत्र 19 के अंतर्गत कम्प्लेनेंट के कपटपूर्ण दावे के परिणाम स्वरूप हुई मानहानि के लिए मुआवजे/कंपनसेशन लेने के लिए कार्यवाही हेतु केस फाइल किया जा सकता है।
किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठी फिर करना यानी कि कानून का दुरुपयोग माना जाता है। यह न सिर्फ सामने वाले व्यक्ति को मानसिक आर्थिक और भावात्मक रूप से प्रभावित करता है बल्कि झूठी एफआईआर के कारण लोगों को सामाजिक अपमानस भी जेल पड़ता है।
jhuthi FIR kaise radd kare Related FAQs
अगर कोई गलत FIR करे तो क्या करना चाहिए?
अगर कोई आपके खिलाफ गलत फिर करता है तो आप उसे रद्द करवाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 438 के तहत सत्र या उच्च न्यायालय में आवेदन कर सकते है.
एफआईआर क्या निरस्त हो सकती है?
जी हां, एफआईआर निरस्त हो सकती है, जिससे उच्च न्यायालय के द्वारा रद्द किया जाता है अगर न्यायालय को लगता है कि व्यक्ति को फसाया जा रहा है और वह निर्दोष है तो ऐसी स्थिति में फिर निरस्त कर दी जाती है।
अगर मेरे खिलाफ एफआईआर है तो मैं कैसे चेक करूं?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके खिलाफ किसी ने झूठी एफआईआर की है अथवा नहीं तो आप इसके संबंध में जानने के लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जा सकते है।
निष्कर्ष
हम अपने वेबसाइट के माध्यम से आप सभी के लिए हमेशा नई-नई जानकारी लेकर उपस्थित होते रहते हैं ताकि आपको भारतीय संविधान और सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के संबंध में जानकारी घर बैठे प्राप्त हो सके। इस आर्टिकल में आज हमने झूठी एफआईआर कैसे रद्द कराएं? के संबंध में पूरी जानकारी साझा की है साथ ही साथ हमने आपको बताया है कि आप झूठी फिर से किस प्रकार से बच सकते है। अगर आपके लिए यह आर्टिकल उपयोगी साबित रहा हो तो आपसे अनुरोध है कि कृपया करके इसे अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।