डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार -Dr. Bhimrao Ambedkar thought in hindi

हैल्लो फ्रेंड्स हम आपको अपनी पिछली पोस्ट में भीमराव अम्बेडकर जी के जन्म से लेकर उनके राजनितिक सफर तक के बारे में बता चुके है. और आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उनके कुछ ऐसे विचारो के बारे में बताएंगे जो उन्होंने अपने जीवन में अपनाये थे और आगे बढ़ते गए.

दोस्तों डॉ भीमराव अंबेडकर एक निचली जाति महार में जन्म लिया था लेकिन अपनी दूरदर्शिता के चलते पूरे विश्व में प्यापक रूप से पहचाने जाते थे. डॉ भीमराव अम्बेडकर कहते है की कोई भी  इंसान जन्म से महान नहीं होता है.बल्कि बाह अपने कर्मो से महान बनता है. ऐसा ही बाबा साहेब के साथ हुआ था उनका जन्म भले ही एक अछूत जाति में हुआ था.

डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार-Dr. Bhimrao Ambedkar thought in hindi

लेकिन उन्होंने अपने जीवन से काफी संघर्ष किया और लोगो को यह बता दिया की इंसान चाहे कितना भी अमीर हो या गरीब हो या किसी भी जाती में पैदा हो इससे  कोई भी फर्क नहीं पड़ता है. हम आपको बता दे की भारत संविधान के रचयिता भीमराव अंबेडकर के उच्च विचार महान और आदर्शो को दर्शाते है.तो आइये चलते है. आज बाबा भीमराव अम्बेडकर साहब के द्वारा कहे गए उनके अनमोल विचारो के बारे में जानते है. जो हमे अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है-

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डॉ भीमराव अम्बेडकर जीवन परिचय और जयंती

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जीवनी 

 

  1. मै उसी धर्म को को मानता हूँ जो स्वतंत्र, समानता और आपस में भाईचारा रखना सिखाता है.-डॉ भीमराव अम्बेडकर

2.समाज के अनपढ़ लोग हमारे समाज की समस्या नहीं है.लेकिन जब समाज के पड़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करते है और गलत को सही दिखने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते यही हमारे समाज की समस्या है.-बाबा साहेब 

3.एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ सामजिक असंतोष होना काफी नही है बल्कि क्रांति की सफलता के लिए न्याय और राजनितिक के साथ सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था होनी चाहिए।- Dr Bhim Rao Ambedkar

4.जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, कानून आपको जो स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी भी काम की नहीं है.- Dr Bhim Rao Ambedkar

5.समानता एक कल्पना हो सकती है.लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।-डॉ भीमराव अम्बेडकर

6.इतिहास से पता चलता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र संघर्ष में आते हैं, विजय हमेशा अर्थशास्त्र के साथ होती है। निहित हितों को कभी भी खुद को विभाजित नहीं किया गया है जब तक कि उन्हें मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न हो।-बाबा साहेब 

7. जीवन लम्बा होने की वजाये महान होना जरूरी है.-बी. आर अम्बेडकर 

8. सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने बलि एक पानी की बूँद के विपरीत इंसान जिस समाज में रहता है. बहा अपनी अपहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है. वो सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ है. बल्कि स्वं के विकास के लिए पैदा हुआ है.-बी. आर अम्बेडकर 

9.मनुष्य  नश्वर  है . उसी  तरह  विचार  भी  नश्वर  हैं . एक  विचार  को  प्रचार -प्रसार  की   ज़रुरत  होती  है , जैसे  कि  एक  पौधे  को  पानी  की . नहीं  तो  दोनों  मुरझा  कर  मर  जाते हैं-भीमराव अम्बेडकर 

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10. किसी का स्वाद  बदला जा सकता है. लेकिन जहर को अमृत में नहीं बदला जा सकता है.-बाबा साहेब 

11. संविधान केवल बकीलो का दस्तावेज नहीं है बल्कि हमारे जीवन का माध्यम है.-बी. आर अम्बेडकर 

12.  एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठ व्यक्ति से अलग है. क्योकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है.-बी. आर अम्बेडकर 

13. हम सबसे पहले और अंत तक भारतीय ही है.-भीमराव अम्बेडकर 

14. यदि मुझे लगा की संविधान का दुरूपयोग किया जा रहा है. तो इसे सबसे पहले मै जलाऊंगा।-अम्बेडकर जी 

15.हर व्‍यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश पर शाशन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्‍वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शाशन नहीं कर सकता।-Dr. BR Ambedkar 

16. गुलाम बनकर जिओगे, तो कुत्ता समझकर लात मारेगी दुनिया। नवाव बनाकर जियोगे तो शेर समझकर सलाम ठोकेगी।-Dr. BR Ambedkar
17. एक महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
18. मेरी जयजयकार करने से अच्छा है.  बताये गए रस्ते पर चले
 -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
19.हमारे पास यह आज़ादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।
 -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
20. राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं हैं। और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है, वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजतीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी है।
बी आर अम्बेडकर 
21. मै रातभर इसलिए जगता हूँ. क्योकि मेरा समाज सो रहा है.
बी आर अम्बेडकर 
22. मनुवाद को जड़ से ख़त्म करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है.
भीमराव अम्बेडकर 
 
23.जो धर्म जन्‍म से एक को श्रेष्‍ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
बाबा साहेब 
24. आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्‍तावना में इंगित हैं वो स्‍वतंत्रता, समानता, और भाई-चारे को स्‍थापित करते हैं, और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते है.
बाबा साहेब 
 
25. मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्‍णु के अवतार थे। मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ।
बाबा साहेब 
26..इतिहास से पता चलता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र संघर्ष में आते हैं, विजय हमेशा अर्थशास्त्र के साथ होती है। निहित हितों को कभी भी खुद को विभाजित नहीं किया गया है जब तक कि उन्हें मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न हो
 
27..समाज के अनपढ़ लोग हमारे समाज की समस्या नहीं है.लेकिन जब समाज के पड़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करते है और गलत को सही दिखने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते यही हमारे समाज की समस्या है.-बाबा साहेब 
 
निष्कर्ष 
 
तो दोस्तों ये थे कुछ डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार आशा करता हूँ की आपको ये पसंद आये होंगे आपको हमारे पोस्ट में बताये गए डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार कैसे लगे हमे कमेंट करके जरूर बताये और है अगर आपको डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार अच्छे लगे हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों और परिवार बालो के साथ जरूर शेयर करे.

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