भारत मे नदियों का सबसे विशाल नेटवर्क हिमालय और प्रायद्वीपीय है और इसे नदियों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। हमारे भारत में हर नदियों की पूजा पाठ करी जाती है क्योंकि वह हमारे जीव जंतु को जीवन देती हैं। भारत में नदियों के किनारे कई प्राचीन सभ्यताएं जन्मी है। बंगाल की खाड़ी में भारत की 90% नदियां जा मिलते हैं और वह शेष अरब सागर में चली जाती हैं।
उनके रास्ते के उत्पत्ति के अनुसार भारत की नदियां हिमालय और प्रायद्वीपीय के रूप में बांटा गया है। लेकिन बहुत ही कम लोग है जो इन नदियों के बारे में जानते है अगर आप भी भारत की 10 सबसे बड़ी नदियों (10 sabse lambi nadiyan0 के बारे में जानना चाहते है तो हम आपके लिए भारत के 10 सबसे लंबी नदियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं इसलिए आपको हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ने की आवश्यकता है।
भारत की 10 सबसे लंबी नदियां कौन सी है?
भारत एक ऐसा देश है जहां बहुत सारी नदियां मौजूद हैं जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों से होकर हिंद महासागर में जाकर मिलती हैं। प्रत्येक वर्ष भारत में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में भारत की नदियों से संबंधित बहुत सारे प्रश्न पूछे जाते हैं अगर आप भी किसी भी तरह की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

तो आपको भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है? के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए आपकी सुविधा के लिए हमने इसलिए एक में भारत की 10 सबसे बड़ी एवं लंबी नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है अगर आप इनके बारे में जानना चाहते हैं तो यह कुछ इस प्रकार से नीचे बताई गई हैं-
गंगा नदी
गंगा नदी हिंदू धर्म के लिए सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और इसे गंगा के देवी रूप में भी पूजा जाता है। गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है, गंगा के इस उद्गम की ऊंचाई 3140 मीटर है। बेकार कि बात यह है कि यह नदी प्रदूषित नदियों में से एक है। हमारी गंगा भारत के चौथाई हिसे में बहती है।
इसकी बेसिन कई लोगो के जीने का सहारा है। बल्कि यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी है। इसके जल के बीच में आने वाले राज्य बिहार उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल है। और आखिर में गंगा का अंतिम भाग बांग्लादेश में समाप्त होता है।
गोदावरी नदी
गोदावरी दक्षिण भारत के प्रमुख नदी है। यह नदी दूसरी प्रायद्वीपीय नदियों में से सबसे बड़ी है। गंगा के बाद दूसरी सबसे बड़ी नदी गोदावरी है। यह नदी भी हिंदू धर्म में कई पूजनीय नदी रही है। इसे दक्षिण गंगा के रूप में भी माना जाता है यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है।
इस नदी को सात पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। इस नदी को अपनी लंबाई जलग्रहण क्षेत्र को देखते हुए प्रायद्वीपीय में सबसे बड़े नदी होने का मान्यता प्राप्त है। गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान पर्व आयोजित किया जाता है। कहते हैं कि इस नदी मे नहाने से सारे पाप धुल जाते हैं। इसलिए ईसको प्राचीन गंगा के नाम से भी जाना जाता है।
यमुना नदी
कहते हैं कि हमने नदी भारत की सबसे सहायक नदी है। यह गंगा नदी की भी सबसे सहायक नदी है। यह यमुनोत्री नामक जगह से निकलती और प्रयाग से गंगा मिल जाती है। यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री से है। यमुनोत्री जाए बिना उस क्षेत्र की यात्रा अधूरी मानी जाती है। यमुना नदी उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है यमुना नदी का नाम यमु भी है।
यमुना नदी का पानी कभी एक सा नहीं था कभी नीला तो कभी सावला इसलिए इसको हम कालीगंगा भी कहते हैं। यमुनोत्री मंदिर भी यमुना को समर्पित किया जाता है। हिमालय पर इसके उद्ग्रं की चोटी का नाम बंदरपुछ भी है। और यह उत्तर प्रदेश राज्यों को1, 376 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
नर्मदा नदी
नर्मदा नदी पश्चिम में बहने वाली भारत की सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी को रेवा भी कहा जाता है। यह नदी भी भारत की सात सबसे पवित्र बहने वाली नदियों में से एक है। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। नर्मदा की उत्पत्ति मैकल पर्वत के शिखर से हुई है। और नर्मदा नदी को भारत की सबसे प्रसिद्ध नदी माना जाता है।
और कहा जाता है कि नर्मदा नदी के कण-कण में शिव जी का वास होता है। कहा जाता है की नर्मदा नदी में स्नान करने से इंसान के कई बुरे पाप धुल जाते हैं। और पुण्य की की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि नर्मदा नदी के सिर्फ दर्शन मात्र से लोगों के कष्ट वादा दूर हो जाते हैं।
कृष्णा नदी
इस नदी की शुरुआत महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के पास पश्चिम घाट से हुई है। इस नदी को कृष्ण भगवान भी कहा जाता है। यह भारत के महत्वपूर्ण प्रायद्वीपीय की महान नदियों मे से एक मान जाता है। और कृष्णा नदी में बहुत सी चीजें पाई जाती हैं जैसे मिश्रित मिट्टी लाल मिट्टी लेटराइट मिट्टी और भी कई अन्य मिट्टियां पाई जाती हैं।
यह नदी भारत के सबसे उपजाऊ क्षेत्र में से एक है। यहां समिति कृष्ण नदी की उद्ग्रां है। जिसके कारण यह हिंदुओं का तीर्थ स्थान माना जाता है। यह तेलंगना महाराष्ट्र कर्नाटका राज्यों से होकर गुजरती है और अंत में आंध्र प्रदेश के बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
सिंधु नदी
सिंधु नदी प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का जन्म स्थान माना जाता है। और यह एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व रखता है। सिंधु नदी तंत्र हिमालय से निकलने वाली नदियों का एक महत्वपूर्ण तंत्र है। यह नदी मानसरोवर झील से निकल के लद्दाख, गिलगीत और बालटिस्तान तक जाती है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी भारत की सिंधु नदी भारत को केवल 20% पानी उपयोग करने की अनुमति देती है।
यह नदी नाही भारत की बल्कि विश्व की भी सबसे बड़ी नदी मानी जाती है। यह नदी कश्मीर और तिब्बत के बीच में भी बहके निकलती है। अगर फ्री है उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण में पाकिस्तान से गुजरती है। सिंधु नदी की कुछ सहायक नदियां भी हैं चिनाब ,झेलम , रवि और काबुल नदी शामिल है। सिंधु नदी की कुल लंबाई 3180 किलोमीटर है बल्कि भारत के अंदर इसकी दूरी केवल1,114 किलोमीटर है।
ब्रह्मपुत्र नदी
ब्रह्मापुत्र नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है ब्रह्मपुत्र नदी की उत्पत्ति हिमालय की एगसी गैसीएयर से हुई है। और ब्रह्मपुत्र नदी का स्रोत हिमालय है दक्षिण दिशा में बहते हुए वाई तट पर इसकी प्रमुख सहायक नदियां लोहित ,शिवांग या दिबांग मिलती हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी का नाम तिब्बत के सांपों अरुणाचल में डीह भी है। यह नदी दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा के साथ बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। और यह नदी अरुणाचल में प्रवेश फिर यह असम से होकर गुजरात जाती है। और अंत में बंगलादेश में चली जाती है। ब्रह्मपुत्र डेल्टा में 130 मिलियन लोगों का निवास है।
महानदी नदी
महानदी संस्कृत के महान दो शब्दों से मिलकर बनी है “महान” और “नदी”। महानदी छत्तीसगढ़ के सिहावा पहाड़ों से निकलती है। यह नदी छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा और अंचल की सबसे बड़ी नदी है। महानदी एक बारहमासी नदी है जो मध्य और पूर्वी भारत में बहती है.
छत्तीसगढ़ के धमतीर जिले से शुरू होकर उड़ीसा में कटक जाती है। और अंत में बंगाल की खाड़ी से गिरती है। महानदी भारतीय उपमहाद्वीप कि किसी भी अन्य नदी से अधिक करती गाद जमा करती है। दुनिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध: हरी कुंड का बांध निर्माण संबलपुर शहर के पास नदी पर किया गया है।
कावेरी नदी
कावेरी नदी तमिलनाडु की सबसे बड़ी नदी है और कावेरी नदी एक सदानीरा नदी है। पश्चिम घाट के पर्वपर्वत ब्रह्मागिरी से निकली है। यह नदी कर्नाटक और तमिलनाडु के माननीय से दक्षिण पूर्व दिशा में बहती है। और तस्वीर को प्रभावित होकर यह बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है।
कावेरी नदी का उद्गम ब्रह्मागिरी पहाड़ियों के नामक स्थान से हुआ। यह नदी अपनी यात्रा छोटे तालाब से शुरू करती है। जिसे कुंडीके तलाब कहा जाता है फिर उसके बाद कनके और सुज्योजित नामक नाम की नदियां कावेरी से आकर मिल जाती हैं। फिर यह तीनों भागमंडल नामक बिंदु पर मिलती हैं। और कावेरी नदी को दक्षिण की गंगा के रूप में भी माना जाता है।
ताप्ती नदी
ताप्ती नदी ताप्ती प्रायद्वीपीय भारत में उत्पन्न होती है और महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से अरब सागर में मिल जाती है और यह पूर्व पश्चिम में जाती है। ताप्ती नदी का उद्गम बैतूल जिले से मुलताई नामक स्थान से होता है। ताप्ती का नाम सूर्य भगवान की पुत्री ताप्ती से रखा गया है यह माना जाता है। ताप्ती नदी सूरत के पास खंभात की खाड़ी में गिरती है। यह नदी लगभग 64,145 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र को कबर करता है। ताप्ती नदी मेलघाट के के जंगल के जीव जंतु का पोषण और समर्थन करती है। और यह नदी अपने समर्थन वनस्पतियों और जीवो के लिए प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष
आज हमने आपको 10 भारत की सबसे लंबी नदी के बारे में बताया है। हमने आपको गंगा से जुड़ी सभी नदियों के बारे में बहुत अच्छे से बताया है। अगर आपको इनमें से कोई भी नदी के बारे में पढ़कर जानकारी मिली हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा। आज आपको हमारे आर्टिकल में नदियाँ के जैसे ताप्ती, कावेरी, गंगा जैसे नदी के बारे में बताया। और आपको यह सारी जानकारी बेहद पसंद आई हो तो और अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलियेगा।